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मौन रहें या बोला जाए
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क्या मुझे बात करनी चाहिये ?
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अपनी भावनाओं को सोच समझ कर साझा करें
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प्राप्ति – प्रतिबिम्बन – प्रतिक्रिया
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तर्कसंगत या भावनात्मक
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धार्मिकता ही धर्म है
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भूमिका कर्तव्य को तय करती है
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महान अधिनायकों की ५ विशेषताएं
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विचारों को बुद्धिमानी से व्यवस्थित करें
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अपना नज़रिया बदलिए
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टू डू लिस्ट
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आगे बढ़ाने से पहले सोचें
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बीस % प्रयास, अस्सी % नतीजे
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जैसे को तैसा
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अलग दिखने के लिए उत्कृष्ट बनों
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देवदूत बनने की कोशिश करें
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मैं क्यों हूं ?
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कब सोना चाहिए, कब जागना चाहिए
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अपने दिमाग, शारीर, दिल और आत्मा को पंक्तिबद्ध करें
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संसार मिथ्या है
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अपने ग्राहकों को वाह कहने का मौका दें !!
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आपका प्राप्तांक (स्कोर) क्या है ??
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आप जीत सकते है
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तुम अद्वितीय हो
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जीरो प्रभाव, जीरो त्रुटि
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गुरु कौन है
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सहानुभूतिपूर्वक सुनना
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न्यूनतम हों अनुभूतिजन्य मतभेद
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विरासत छोड़कर जाना
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अपने समय का प्रबंधन करें
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उम्मीदों का प्रबंधन
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धन को प्रवाहित होने दें
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लीडर यानी टीम की प्रेरणा
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प्रेम सार तत्त्व है
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भाग्य व्यक्तिवादी है
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जीवन एक प्रतिध्वनि
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अति है विष समान
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सरलता बनाए रखें
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सबसे सीखें
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विचार बने आचार
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दोनों पक्ष सुने जाएं
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वचनबद्ध बने रहे
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शत्रुता से ताकत घटती है
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प्रवाह के साथ प्रवाहमय
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अतिथि ईश्वर समान
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भय मनोवैज्ञानिक होता है
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भूलो और क्षमा करो
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परिवार ही सर्वोपरि
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लचीलेपन से स्वीकार्यता बने
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अपेक्षा से बढ़कर करे
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मित्र बहुमूल्य धरोहर
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नकारात्मक तनाव हटाएं
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असफलता मतलब अनुभव
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उत्साह से उत्साह बढ़े
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सफलता में बाधक बहानेबाज
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शिक्षा से विस्तार
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अहंकार सम्बंध विनाशक
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ईर्ष्या नफ़रत का बीज है
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चिंता चिता समान!!
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कर्म विषाणु