प्राप्ति – प्रतिबिम्बन – प्रतिक्रिया
सुप्त अवस्था के सिवाय हमारा दिमाग अग्रलिखित 3 गतिविधियों किसी एक में अवश्य लगा रहता है । वो स्थितियां है – प्राप्त करना, परावर्तन या प्रतिबिंबित करना तथा प्रतिक्रिया देना । अपनी इंद्रियों के माध्यम से हम अपने वातावरण से इनपुट प्राप्त कर उन इनपुटों को प्रतिबिंबित कर विश्लेषित करते हैं तथा अंत में हम अपने मस्तिष्क द्वारा दिए गए निर्णय / संकेत के अनुसार प्रतिक्रिया करते हैं ।
यहां तक कि जानवर भी इनही 3 क्रियाओं को करते हैं । हां यह बात अलग है कि उनकी प्रतिबिंबित करने की क्षमता सिर्फ भोजन, सुरक्षा तथा मैथुन तक सीमित है । मनुष्य धन्य हैं कि वो एक बेहतर मस्तिष्क का स्वामी है । मनुष्य का मस्तिष्क वर्तमान परिस्थितियों और पिछले अनुभवों तथा स्थिति के आधार पर स्थिति का विश्लेषण कर प्रतिबिंबित करता है । लेकिन विडंबना यह है कि हम में से अधिकांश प्रतिबिंबन की पूरी क्षमता का उपयोग नहीं करते तथा परिणामों के बारे में सोचे बिना तुरंत प्रतिक्रिया देते हैं ।
बेहतर विचार प्रतिबिंब के लिए 5 टिप्स :
1. जल्दी प्रतिक्रिया न करें । यदि संभव हो तो अपनी प्रतिक्रिया को रोक कर रखे ।
2. विभिन्न कोणों से इनपुटस का विश्लेषण करें।
3. स्थिति को विभिन्न हितधारकों के दृष्टिकोण से देखने की कोशिश करें।
4. स्थिति से जुड़े लोगों के विचारों को सुनें ।
5. यदि आपकी प्रतिक्रिया वांछित परिणाम नहीं दे रही है तो हमेशा प्लान बी तैयार रखें।
रहे चपल जो सोच में, रखते चित्त सचेत ।
वाणी पर अंकुश रखे, तो फल ईश्वर देत ।।
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