Nectar Of Wisdom

ऐसा कौन है जो अलग नहीं दिखना चाहता ? याहां तक कि आध्यात्मिक गुरु भी सबसे अच्छे योगी बनना चाहते है ओर चाहते है कि अधिक से अधिक लोग उन्हें जाने । फल ओर फूल भी अलग दिखने की इच्छा रखते है ताकि लोगों का ध्यान उनकी तरफ आकर्षित हो । अधिकतर महिलाएं सुन्दर कपडे, आभूषण और मेकअप इसी लिए करती है कि वो भीड़ से अलग दिखें ।

अलग दिखने के लिए आपको उत्कृष्ट बनने की ज़रूरत है ओर उत्कृष्ट बनने के लिए हमें अपने व्यक्तित्व के चार पहलुओं दिल, दिमाग, शारीर, और आत्मा पर केन्द्रित होना पड़ेगा । हमारे व्यक्तित्व का सबसे ज़यादा दिखाई देने वाला हिस्सा हमारा शरीर है । यधपि हमारा शरीर हमें हमारे माता – पिता से अनुवांशिक तौर पर मिला है तथापि हम अलग दिखने के लिए कपडे, आभूषण और मेकअप का इस्तेमाल कर सकते है । ये तरीके अलग दिखने के बहुत ही मूलभूत तरीके है । चलिए इसको हम PQ (physical Quotient) (जिस्मानी भागफल) का नाम दे देते है । हमारा जिस्मानी भागफल हमारे उत्कृष्ट प्रदर्शन का बहुत महतवपूर्ण हिस्सा है । आपकी जिस्मानी दिखावट पहला प्रभाव छोडती है । अध्ययन से पता चलता है कि विश्व भर के राहनुमाओं का औसत कद आम जनसंख्या के औसत काद से अधिक है । यधपि कद भगवान के द्वारा दिया गया है तथापि हम सही कपड़ों तथा सही शारीरिक भाषा के ज़रिये अपने आप को उत्कृष्ट रूप से प्रदर्शित कर सकते है ।

दूसरे स्तर पर हम अपने IQ (Intelligence Quotient) (बुद्धि भागफल) के क्षेत्र में कार्य कर सकते है । शुरुवाती सालों में हम सभी अपने माता पिता को अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन दर्शाने के लिए हर इम्तिहान में प्रथम श्रेणी लाने की पुरजोर कोशिश करते है और उसके बाद जब हम व्यावसायिक पढाई के लिए जाते है वहां भी अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन करते है ओर इस तरह हमार बौद्धिक गणक हमारी पढाई और तजुर्बे के साथ उन्नति करता रहता है । असली दौड़ तो तब शुरू होती है जब हम अपना व्यवसाय शुरू करते है । तब चित्रफलक (कैनवास) बड़ा हो जाता है और उत्कृष्ट प्रदर्शन दर्शाने के लिए हमारे लगातार केन्द्रित कोशिशों की मांग करता है । जैसे जैसे हम सफलता के पायदान पर ऊपर चढ़ते जाते है ऊपर की और अधिक स्पर्धा ओर कम जगह बचती जाती है । यह ज़रूरी नहीं कि यदि आप अपनी शिक्षा के दिनों में स्वर्ण पदक विजेता रहें है तो आप व्यावसायिक जीवन में भी एक नंबर पर ही रहेगें ।

हमारे व्यक्तित्व का अगला पहलू है भावनाएं तथा संबंध EQ (Emotions and Relationship Quotient). सामान्यत: भावनात्मक पहलू किसी व्यक्ति के मूल स्वभाव तथा व्यहवार के तौर तरीके से ही उत्पन्न होता है फिर भी प्रशिक्षण तथा अभ्यास से इनमे से कुछ तरीकों को सुधार कर मनुष्य के भावनात्मक कौशल को सुधारा जा सकता है । अधिकतर लोग भावुक होते है पर बहुत कम लोग भावनात्मक रूप से बुद्धिमान होते है ।

हमारे व्यक्तित्व का आख़री पहलू है आध्यात्मिक भागफल SQ (Spiritual Quotient) । जब व्यक्ति उंची आत्माओं के महत्व को समझने लगता है ओर वो जिस किसी भी मार्ग को सही समझता हो उसके ज़रिए अपनी आत्मा को उस परम आत्मा के साथ जोड़ने का प्रयास करता है उसी को आध्यात्मिकता कहा गया है ।

हमें उत्कृष्टता प्राप्त करने की दिशा में उपरोक्त चरों पहलुओं PQ, IQ, EQ ओर SQ के उच्चतम औसत को प्राप्त करना होगा ।

 

धर्म कर्म बुद्धि समझ, और दरस छविदार ।
अलग भीड़ में हम दिखे, इतना ही है सार ।

 

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