संजय उवाच
द़ृष्टवा तु पाण्डवानीकं व्यूढं दुर्योधनस्तदा ।
आचार्यमुपसंगम्य राजा वचनमब्रवीत् ॥
पांडव रचना देख के, गए दुर्योधन, द्रोण।
कह रहे आचार्य से, नयन घुमा हर कोण॥1-2॥
संजय ने कहा महाराज! पाण्डवों की सेना को व्यूहाकार में अवस्थित देखकर दुर्योधन ने द्रोणाचार्य के पास जाकर कहा।
Sanjaya said: O King, after looking over the army arranged in military formation by the sons of Pandu, King Duryodhana went to his teacher and spoke the following words.